अनुवाद: सूरह अल-फ़लक़ (भोर) سُورَة الفلق
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ١ i
कहो, "मैं शरण लेता हूँ, प्रकट करनेवाले रब की, (१)
مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ ٢ i
जो कुछ भी उसने पैदा किया उसकी बुराई से, (२)
وَمِنْ شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ٣ i
और अँधेरे की बुराई से जबकि वह घुस आए, (३)
وَمِنْ شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ ٤ i
और गाँठो में फूँक मारने-वालों की बुराई से, (४)
وَمِنْ شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ ٥ i
और ईर्ष्यालु की बुराई से, जब वह ईर्ष्या करे।" (५)