अनुवाद: सूरह अल-आदियात (तेज़ गति से दौड़ने वाले) سُورَة العاديات
وَالْعَادِيَاتِ ضَبْحًا ١ i
साक्षी है जो हाँफते-फुँकार मारते हुए दौड़ते है, (१)
فَالْمُورِيَاتِ قَدْحًا ٢ i
फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते है, (२)
فَالْمُغِيرَاتِ صُبْحًا ٣ i
फिर सुबह सवेरे धावा मारते होते है, (३)
فَأَثَرْنَ بِهِ نَقْعًا ٤ i
उसमें उठाया उन्होंने गर्द-गुबार (४)
فَوَسَطْنَ بِهِ جَمْعًا ٥ i
और इसी हाल में वे दल में जा घुसे (५)
إِنَّ الْإِنْسَانَ لِرَبِّهِ لَكَنُودٌ ٦ i
निस्संदेह मनुष्य अपने रब का बड़ा अकृतज्ञ हैं, (६)
وَإِنَّهُ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٌ ٧ i
और निश्चय ही वह स्वयं इसपर गवाह है! (७)
وَإِنَّهُ لِحُبِّ الْخَيْرِ لَشَدِيدٌ ٨ i
और निश्चय ही वह धन के मोह में बड़ा दृढ़ है (८)
أَفَلَا يَعْلَمُ إِذَا بُعْثِرَ مَا فِي الْقُبُورِ ٩ i
तो क्या वह जानता नहीं जब उगवला लिया जाएगा तो क़ब्रों में है (९)
وَحُصِّلَ مَا فِي الصُّدُورِ ١٠ i
और स्पष्ट अनावृत्त कर दिया जाएगा तो कुछ सीनों में है (१०)
إِنَّ رَبَّهُمْ بِهِمْ يَوْمَئِذٍ لَخَبِيرٌ ١١ i
निस्संदेह उनका रब उस दिन उनकी पूरी ख़बर रखता होगा (११)