अनुवाद: सूरह अश-शरह (ह्रदय का विस्तार) سُورَة الشرح
أَلَمْ نَشْرَحْ لَكَ صَدْرَكَ ١ i
क्या ऐसा नहीं कि हमने तुम्हारा सीना तुम्हारे लिए खोल दिया? (१)
وَوَضَعْنَا عَنْكَ وِزْرَكَ ٢ i
और तुमपर से तुम्हारा बोझ उतार दिया, (२)
الَّذِي أَنْقَضَ ظَهْرَكَ ٣ i
जो तुम्हारी कमर तोड़े डाल रहा था? (३)
وَرَفَعْنَا لَكَ ذِكْرَكَ ٤ i
और तुम्हारे लिए तुम्हारे ज़िक्र को ऊँचा कर दिया? (४)
فَإِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًا ٥ i
अतः निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है (५)
إِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًا ٦ i
निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है (६)
فَإِذَا فَرَغْتَ فَانْصَبْ ٧ i
अतः जब निवृत हो तो परिश्रम में लग जाओ, (७)
وَإِلَىٰ رَبِّكَ فَارْغَبْ ٨ i
और अपने रब से लौ लगाओ (८)